बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया,
का करे यशोदा मैया हाँ बड़ा नटखट है रे कृष्ण कन्हैया !!
ढूंढें री अखियाँ उसे चहू ओर,
जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर,
ढूंढें री अखियाँ उड़ गया जैसे पुरवैया,
का करे यशोदा मैया हाँ बड़ा नटखट है रे……..
मेरे जीवन का तू एक ही सपना,
जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना,
मेरे जीवन का तू सब का है प्यार बंसी बजैया,
का करे यशोदा मैया हाँ बड़ा नटखट………
आ तोहे मैं गले से लगा लूं लागे ना किसी की नज़र,
मन में छूपा लूंआ तोहे मैं धूप जगत है रे ममता है छैय्या,
का करे यशोदा मैया हाँ बड़ा नटखट है………
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